इतिहास का हिस्सा बन चुकी है Atlas साइकिल,क्यों हुई बंध, देखे Video

इतिहास का हिस्सा बन चुकी है Atlas साइकिल,क्यों हुई बंध, देखे Video

देश की बड़ी साइकिल बनाने वाली कंपनी में शुमार एटलस साइकिल ने दिल्ली से सटे गाजियाबाद के साहिबाबाद में स्थित अपनी सबसे बड़ी फैक्ट्री को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया है. विश्व साइकिल दिवस के दिन कंपनी ने ये फैसला किया है, जिससे 1000 मजदूरों की नौकरी पर संकट आ गया है.

फैक्ट्री के बाहर चस्पा नोटिस

बुधवार को सुबह जब मजदूर काम करने पहुंचे तो उन्होंने कंपनी के बाहर एक नोटिस लगा पाया जिसमें लिखा था कि कंपनी के पास फैक्ट्री चलाने का पैसा नहीं है. साहिबाबाद में एटलस की यह फैक्ट्री 1989 से चल रही है.

हर महीने बनती थी 2 लाख साइकिलें

एटलस साइकिल ने साहिबाबाद की फैक्ट्री में लॉकडाउन से पहले हर महीने दो लाख साइकिलें बनाई जा रही थीं. इस हिसाब से पूरे साल में कंपनी करीब 50 लाख साइकिलों को बनाती थी. अब हालत यह है कि फैक्ट्री के मजदूरों और कर्मचारियों को मई माह का वेतन भी नहीं दिया गया है.

ले-ऑफ नोटिस में कंपनी के प्रबंधक ने कहा कि संचालकों के पास फैक्टरी चलाने के लिए रकम नहीं है. कच्चा माल खरीदने तक के पैसे नहीं हैं. इसलिए कर्मचारियों को तीन जून से ले-ऑफ करने के लिए कहा गया है.

एटलस साइकिल यूनियन के महासचिव महेश कुमार ने बताया कि कंपनी ने लॉकडाउन लागू होने के बावजूद एक और दो जून को सभी कर्मचारियों को कंपनी में काम के लिए बुलाया था. इस दौरान कर्मचारियों ने पूरे दिन काम किया और फिर वो घर चले गए. बुधवार को कर्मचारी ड्यूटी पर पहुंचे तो उन्हें गार्डों ने अंदर नहीं घुसने दिया. इस पर कर्मियों ने रोकने का कारण पूछा तो गार्ड ने बताया कि बैठकी यानी ले-ऑफ लागू कर दी गई है.

क्या होता है ले-ऑफ?

कंपनी के पास जब उत्पादन के लिए पैसे नहीं होते हैं, तो उस परिस्थिति में कंपनी कर्मचारियों की छंटनी न करके और किसी प्रकार का अतिरिक्त काम ना कराकर सिर्फ उसकी हाजिरी लगवाती है. कंपनी का कर्मचारी रोजाना गेट पर आकर अपनी हाजिरी नोट कराएगा और उसी हाजिरी के आधार पर कर्मचारी को आधे वेतन का भुगतान किया जाएगा.

नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल)

[ डि‍सक्‍लेमर: यह न्‍यूज वेबसाइट से म‍िली जानकार‍ियों के आधार पर बनाई गई है. Thehindumedia अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *