ब्रह्मा मुहूर्त एक रहस्यमय पल रहस्य जो आपकी जींदगी बदल देगा

ब्रह्मा मुहूर्त एक रहस्यमय पल  रहस्य जो आपकी जींदगी बदल देगा

ब्रह्म मुहूर्त में दो शब्द हैं, पहला ब्रह्म और दूसरा मुहूर्त। वैदिक शास्त्रों में मुहूर्त का अर्थ समय बताया गया है। वहीं ब्रह्म शब्द के अ

नेक अर्थ बताए गए हैं। शास्त्रों में ब्रह्म का अर्थ- ब्रह्मा, भगवान आदि बताया गया है लेकिन यहां ब्रह्म का अर्थ भगवान है और ब्रह्म मुहूर्त यानि भगवान का समय। दूसरे अर्थों में ब्रह्म मुहूर्त का मतलब सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। ब्रह्म मुहूर्त के बारे में आज भी घर के बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि इस समय में जागना स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छा है। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त में जागकर परमात्मा का ध्यान करना आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ता है। परंतु, क्या आप जानते हैं कि ब्रह्म मुहूर्त में उठने से क्या-क्या लाभ होते हैं? साथ सदियों से ब्रह्म मुहूर्त में जगने को इतना अधिक महत्व क्यों दिया गया है?

ब्रह्म मुहूर्त में 4 कार्य आवश्य करें: 1. संध्या वंदन, 2. ध्यान, 3. प्रार्थना और 4. अध्ययन। वैदिक रीति से की गई संध्या वंदन सबसे उचित माना गया है । उसके बाद ध्यान फिर प्रार्थना। विद्यार्थी वर्ग को संध्या वंदन के बाद अध्ययन करना चाहिए। अध्ययन के लिए यह समय सबसे उत्तम माना गया है।

ब्रह्म मुहूर्त में ये कार्य बिलकुल नही करनी चाहिए नकारात्मक विचार, बहस, वार्तालाप, संभोग, नींद, भोजन, यात्रा, किसी भी प्रकार का शोर आदि। यह देखा गया है कि बहुत से लोग इस समय जोर-जोर से आरती आदि पूजन-पाठ करते हैं। कुछ तो हवन करते हैं, यह अनुचित है। इससे वे खुद को और दूसरों को संकट में डाल देंगे। विद्वान मनुष्य को चाहिए कि वे ऐसे लोगों से दूर रहें।

* इस समय संपूर्ण वातावरण शांतिमय और निर्मल होता है। देवी-देवता इस काल में विचरण कर रहे होते हैं। सत्व गुणों की प्रधानता रहती है।
प्रमुख मंदिरों के पट भी ब्रह्म मुहूर्त में खोल दिए जाते हैं तथा भगवान का श्रृंगार व पूजन भी ब्रह्म मुहूर्त में किए जाने का विधान है।

* जल्दी उठने में सौंदर्य, बल, विद्या और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। यह समय ग्रंथ रचना के लिए उत्तम माना गया है।

* आयुर्वेद के अनुसार इस समय बहने वाली वायु को अमृततुल्य कहा गया है।
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर टहलने से शरीर में संजीवनी शक्ति का संचार होता है।

* यह समय अध्ययन के लिए भी सर्वोत्तम बताया गया है, क्योंकि रात को आराम करने के बाद सुबह जब हम उठते हैं तो शरीर तथा मस्तिष्क में भी स्फूर्ति व ताजगी बनी रहती है।

सुबह ऑक्सिजन का लेवल भी ज्यादा होता है तो मस्तिष्क को अतिरिक्त ऊर्जा प्रदान करता है
जिसके करण अध्ययन की गई बातें स्मृति कोष में आसानी से चली जाती है।

वैज्ञानिक दृष्टि से ब्रह्म मुहूर्त में जगने का पहला लाभ तो ये है कि इस समय वातावरण में ऑक्सीजन बहुत शुद्ध होता है। ये शुद्ध हवा हमारे फेफड़े के लिए बहुत अच्छा है। जब स्वस्थ्य फेफड़ा अच्छा होता है तो हमारा मानसिक संतुलन अच्छा रहता है। साथ ही मन शांत होता है।

गीता जो कि हमारा धार्मिक ग्रंथ है यह बताता है कि ब्रह्म मुहूर्त में उठने वाला व्यक्ति आध्यात्मिक और हमेशा खुश रहेगा। वहीं इस समय देव-पूजा करने से धन की देवी लक्ष्मी खुश होती हैं जिससे घर में धन-वैभव की संपन्नता आती है। इसके अलावा जो व्यक्ति ब्रह्म मुहूर्त में जागता है, उसे तनाव, मधुमेह, डिप्रेशन और थकावट इन सब बीमारियों से दूर रहता है। चौथी बात ये है कि जो मनुष्य ब्रह्म मुहूर्त में उठता है, वह अन्य की तुलना में ज्यादा बुद्धिमान और ताजगी भरा रहता है। इन सबके अलावा ब्रह्म मुहूर्त में जागने का जो पांचवां जो सबसे मुख्य लाभ है वो ये है कि व्यक्ति हमेशा खुश रहता है।

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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