धनतरेस के दिन जरूर ध्यान से खरीद लें झाड़ू, होगी धनवर्षा

धनतरेस के दिन जरूर ध्यान से खरीद लें झाड़ू, होगी धनवर्षा

इस साल धनतेरस का त्योहार 2 नवंबर को मनाया जाएगा। हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को ही धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन को बेहद ही शुभ माना जाता है और इस दिन से त्योहारों की शुरुआत हो जाती है। इस दिन लोग अपने-अपने घरों में दीये जलाते हैं और इस दिन को खरीदारी के लिए भी बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन लोग खुद के लिए और अपनों के लिए तोहफे भी खरीदते हैं। इसके अलावा इस दिन सोना-चांदी खरीदना काफी शुभ माना जाता है और साथ ही इस दिन बर्तन खरीदना भी काफी शुभ होता है। लेकिन क्या आप इस दिन झाड़ू खरीदते हैं? चौंकिए मत जनाब, क्योंकि धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने का अपना अलग महत्व है। झाड़ू खरीदने को काफी शुभ माना जाता है, लेकिन कुछ बातें हैं जिनका ध्यान भी देना चाहिए, ताकि इसका पूरा लाभ मिल सके। तो चलिए जानते हैं इस बारे में।

दरअसल, धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना बेहद ही शुभ माना जाता है। झाड़ू मां लक्ष्मी का प्रतीक तो माना ही जाता है। साथ ही मान्यता है कि धनतेरस के दिन अगर झाड़ू खरीदकर घर लाया जाए, तो घर में मां लक्ष्मी का वास होता है। साथ ही माना जाता है कि ऐसा करने से आर्थिक तंगी भी दूर होती है।

धनतेरस के दिन झाड़ू की खरीदारी बड़े ही जोरों पर होती है। माना जाता है कि इस दिन झाड़ू घर लाने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा का निवास और संचार होता है। इसलिए धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना बेहद शुभ माना जाता है।

ये उपाय करने की मान्यता
मान्यता है कि जब आप घर में नया झाड़ू खरीदकर लाएं, तो इसमें एक सफेद रंग का धागा बांध लें। कहा जाता है कि ऐसा करने से आपके घर में मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और आर्थिक स्थिति भी सही रहती है। इसके अलावा झाड़ू को धनतेरस के दिन फर्श पर लिटाकर रखें, क्योंकि झाड़ू को खड़ा रखना अपशकुन माना जाता है।

पैर रखने से बचें
धनतेरस के दिन जब आप झाड़ू खरीदकर लाएं, तो इसे एक कोने में लेटाकर रखें और इस पर पैर रखने से बचें। मान्यता है कि अगर झाड़ू पर पैर रखा जाए, तो इससे मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती है, जिसका बुरा असर आपकी आर्थिक स्थिति पर पड़ सकता है।

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

kavya krishna

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