होलाष्टक में क्यों नहीं किया जाता है शुभ काम, जानिए इसके पीछे की वजह

हिंदू पंचांग के अनुसार, होली (Holi) का त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. इस बार होली 18 मार्च को है. होली से 8 दिनों तक होलाष्टक (Holashtak) लग जाता है. इस दौरान किसी तरह का कोई शुभ कार्य नहीं होता है.और 18 मार्च तक रहेगा. इसके बाद 18 मार्च 2022 को होलिका दहन और 18 मार्च 2022 को होली का त्योहार धूम-धाम से मनाया जाएगा.
ज्योतिष शास्त्रों में होलाष्टक के दौरान शुभ कार्य करना अशुभ माना जाता है. ऐसा इसलिए माना जाता है कि क्योंकि अष्टमी तिथि को कामदेव ने भगवान शिव की तपस्या भंग करने की कोशिश की थी. जिसके बाद भगवान शिव ने कामदेव को भस्म कर दिया था. कामदेव को प्रेम का देवता मानते हैं जिसकी वजह से तीनों लोक में शोक छा गया था. इसके बाद कामदेव की पत्नी रति ने भगवान शिव से क्षमा मांगी और शिव ने कामदेव को दोबारा जीवित करने का आश्वासन दिया.
पौराणिक कथा के अनुसार, प्रहलाद को उनके पिता हिरण्यकश्यप ने भक्ति को भंग करने और ध्यान भंग करने के लिए लगातार 8 दिनों तक कई तरह की यातनाएं और कष्ट दिए थे. ऐसे में कहा जाता है कि इन 8 दिनों तक कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है.
यही 8 दिन होलाष्टक कहे जाते हैं. 8वें दिन हिरण्यकश्यप की बहन होलिका, प्रहलाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ जाती है लेकिन प्रहलाद बच जाते हैं और होलिका जल जाती हैं. प्रहलाद के जीवित बचने की खुशी में दूसरे दिन रंगों की होली मनाई जाती है.
होलाष्टक के दौरान न करें ये काम
1. होलाष्टक के दौरान शादी, भूमि पूजन, गृह प्रवेश, मांगलिक कार्य, नया व्यवसाय और नया काम शुरू करने से बचना चाहिए.
2. इसके अलावा किसी भी तरह का यज्ञ, हवन नहीं करना चाहिए. इन दिनों में नवविवाहता को अपने मायके नहीं जाना चाहिए.
3. शास्त्रों के अनुसार होलाष्टक के दौरान 16 संस्कार जैसे कि विवाह संस्कार, जनेऊ संस्कार, नामकरण संस्कार जैसे कार्यों पर रोक लग जाती है.
नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल)
[ डिसक्लेमर: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है. The Hindu Media वेबसाइट या पेज अपनी तरफ से इसकी पुष्टि नहीं करता है. ]