होली के दिन मत करना यह काम पूरा घर बर्बाद हो जाता है। होली के दिन क्या न करे।

होली के दिन मत करना यह काम पूरा घर बर्बाद हो जाता है। होली के दिन क्या न करे।

बुरा ना मानो होली है!
होली का खुमार लोगों पर चढ़ चुका है… स्कूल, कॉलेज और दफ्तरों में होली सेलिब्रेट हो चुकी है। खूब रंग लगाया होगा आपने भी दोस्तों और साथियों को। लेकिन कुछ काम हैं जो हम होली पर अनजाने या फिर मौज-मौज में कर जाते हैं! लेकिन असल में करने नहीं चाहिए। कई बार दूसरों को दिक्कत हो जाती है। इसलिए 10 मार्च को ऐसे होली मनाएं कि आपके आस-पास वाले भी खुश रहें। तो भैया… ‘बुरा ना मानो होली’ का सहारा लेकर इन कामों को मत करना।

जबरन रंग लगाना गलत बा
होली… रंगों का त्योहार है। लेकिन ये त्योहार आपको यह अधिकार नहीं देता है कि आप किसी को भी जबरन रंग लगाएं। इसलिए कसम खाइए कि इस होली आप किसी को भी उसकी चाहत या फिर इजाजत के बिना रंग नहीं लगाएंगे।

 

पानी बर्बाद मत करना दोस्तों
एक रिपोर्ट के बताती है कि होली पर तकरीबन हर आदमी 30 लीटर पानी बर्बाद करता है। अब हिसाब लगा लीजिए… कितना पानी वेस्ट होता है होली के दिन। पहले तो आप होली है… होली है… करते हुए पानी बहाते हैं। फिर रंग को छुटाने के लिए बाल्टियां बहाते हैं। उनके बारे में भी सोच लीजिए, जो एक बाल्टी पानी के लिए कई किलोमीटर का सफर तय करते हैं। अब यह मत कहना एक दिन तो होता है ऐसा!

ग्रीज-कांचवाले रंग से बचकर
लगता है कुछ लोगों को रंग की पहचान नहीं होती। तभी तो वे रंग के नाम पर ग्रीज, फेवीकोल और कांच वाले कलर का इस्तेमाल करते हैं। भले ही ऐसा करके आपको मजा आता हो, लेकिन दादा दूसरों के चेहरे कट जाते हैं! रंग नहीं छूटता और तो और इंफ्केशन तक हो जाता है। इसलिए ऐसी होली न खेलें।

होलिका दहन, कुछ भी ना जलाएं
होलिका दहन… होली से एक दिन पहले किया जाता है। परंपरा है। लेकिन परंपरा के नाम कुछ भी ना जलाएं। क्योंकि प्रदूषण होता है। सर्दियां याद है ना। सांस नहीं आ रहा था दिवाली के बाद। इसलिए होलिका दहन में सोफा, प्लास्टिक, गद्दे जैसी चीजों का इस्तेमाल न ही करें।

नशा सेहत के लिए हानिकारक
ऐसा लगता है कुछ लोगों के लिए यह पीने का त्योहार है। सब जानते हैं पीना सेहत के लिए हानिकारक है। लेकिन भैया उससे भी खतरनाक होता है नशे की हालत में गाड़ी दौड़ाना। और हां, इसका यह मतलब नहीं है कि बिना पीए हुए हुड़दंग करना और रैश ड्राइविंग रना चाहिए।

 

अंडे खाइए, किसी पर फेंकिए मत
पता नहीं, होली पर अंडा मारने की प्रथा किसने शुरू की? लेकिन जिसने भी शुरू की भई उसका दिमाग काबू में नहीं होगा। क्योंकि अंडा प्रोटीन का अच्छा स्रोत है। 6 रुपये का आता है एक अंडा। इसलिए भैया… अंडों को किसी पर मारकर वेस्ट करने से अच्छा उसे खा लिया जाए।उफ्फ! ये कीचड़-नाली वाली होलीहोली, कितना खूबसूरत त्योहार है। रंग ही रंग होते हैं हर जगह। लेकिन चंद लोग होली के नाम पर लोगों को कीचड़ और नाली में डाल देते हैं। ऐसे लोगों से गुजारिश है कि कृपया होली का नाम बर्बाद न करें। रंगों के साथ होली खेले। क्योंकि यह रंगों का ही त्योहार है।किसी को भी गुब्बारे मारनाजी हां, किसी पर भी होली है… बोलकर पानी से भरे गुब्बारे फेंकना, होली नहीं… फूहड़ता है। इसलिए ऐसी फूहड़ता से बचें। क्योंकि सबको गुब्बारे वाली होली रास नहीं आती।

जानवरों पर रंग फेंकना
चाहे दीवाली हो या फिर होली। जानवरों को इससे काफी दिक्कत होती है। इसलिए होली पर उन्हें जबरन रंग न लगाए। क्योंकि आप तो रंगड़-रगड़ कर रंग को साफ कर लेंगे। लेकिन इन बेजुबानों के साथ रंग लंबे वक्त तक रहता है। ऐसे में रंग में मिला कैमिकल उनकी हैल्थ को बिगाड़ने का काम करता है। प्लीज कुत्ते, बिल्ली आदि को गुब्बारे ना मारे और न ही उन्हें रंग लगाएं। होलिया में उड़े रे गुलाल…खूब रंग खेलिए। लेकिन आपके रंगों से किसी को समस्या ना हो बस। बाकी गुजिया खाएं और होली के रंग में खो जाएं। क्योंकि यह दिन किसी को परेशान करने का नहीं, बल्कि गिले शिकवे भूलाकर सबसे गले मिलने का है।

नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल)

[ डि‍सक्‍लेमर: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है. The Hindu Media वेबसाइट या पेज अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *