इस तरह पीपल के पेड़ पे होगा साक्षात् भगवन और भूत के दर्शन ll कष्ट मिटाने के उपाय ll देव वृक्ष

इस तरह पीपल के पेड़ पे होगा साक्षात् भगवन और भूत के दर्शन ll कष्ट मिटाने के उपाय ll देव वृक्ष

हिंदू धर्म के अनुसार पीपल के पेड़ को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। हिन्दू धर्म में इसकी पूजा को बहुत फायदेमंद माना गया है। मान्यता यह भी है के पीपल के पेड़ पर देवताओं का वास होता है। विधिपूर्वक पीपल की पूजा करने पर देवताओं के साथ पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। […]

हिंदू धर्म के अनुसार पीपल के पेड़ को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। हिन्दू धर्म में इसकी पूजा को बहुत फायदेमंद माना गया है। मान्यता यह भी है के पीपल के पेड़ पर देवताओं का वास होता है। विधिपूर्वक पीपल की पूजा करने पर देवताओं के साथ पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। धार्मिक मान्यता है कि पीपल के पेड़ की विधि-विधान से पूजा करने पर जीवन से जुड़े सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते है के पीपल के पेड़ की पूजा करते समय हमें कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। आइए जानते है इन नियमों के बारे में :

 

सुख-संपत्ति के लिए करें ये उपाय
मान्यता है कि शनिवार के दिन पीपल के पेड़ में लक्ष्मी जी का वास होता है। ऐसे में मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए शनिवार के लिए पीपल के पेड़ को जला अभिषेक करना चाहिए। वहीं, शनिवार के दिन पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीया जलाने शनि देव खुश होते हैं, इसके साथ भक्तों के कष्ट को हर लेते हैं।

शनि की पूड़ा दूर करेंगे पीपल
शनि दोष वाले जातकों के लिए पीपल की पूजा बहुत लाभकारी होती है। यह किसी के ऊपर शनि ढैय्या, साढ़ेसाती या फिर महादशा चल रही है, तो पीपल के पेड़ की पूजा जरूरत करनी चाहिए। वहीं, शनिवार के दिन सरसों के तेल वाला दिया जलाएं।

इन बातों का रखें खास ख्याल
पीपल की पूजा करते समय कुछ बातों का खास ख्याल रखने की आवश्यकता है. रविवार के दिन पीपल के पेड़ को जल नहीं अर्पित करना चाहिए. पीपल के पेड़ को काटने से बचना चाहिए. ऐसा करने से वंश वृद्धि रुक जाती है. शास्त्रों के अनुसार सूर्योदय से पहले कभी भी पीपल के पेड़ की पूजा न करें. क्योंकि उस समय मां लक्ष्मी की बहन दरिद्रा का वास होता है. इससे आपके घर में दरिद्रता आ सकती है. वहीं, पीपल के पेड़ को लेकर ये मान्यता है कि परिक्रमा करने जीवन से जुड़े दोषों से राहत मिलती है.

नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल)
[ डि‍सक्‍लेमर: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है. The Hindu Media वेबसाइट या पेज अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

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