कल्कि अवतार किसका वध करके कलयुग का अंत करेंगे

कल्कि अवतार किसका वध करके कलयुग का अंत करेंगे

महर्षि व्यास जी के अनुसार सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग, कलयुग ये चार युग हैं, जो देवताओ के बारह हज़ार दिव्य वर्षो के बराबर होते हैंI समस्त चतुर्युग एक से ही होते हैंI आरम्भ सत्ययुग से होता है अंत में कलयुग होता हैI

अब आते हैं कलयुग पर जो अब चल रहा हैI महर्षि व्यास जी के अनुसार कलयुग में मनुष्यों में वर्ण ( ब्राह्मण , क्षत्रिय, वैश्य, शुद्र) और आश्रमसम्बन्धी प्रवृति नहीं होगी| वेदो का पालन कोई नहीं करेगा I कलयुग में विवाह को धर्म नहीं माना जायेगा | शिष्य गुरु के अधीन नहीं रहेंगे,  पुत्र भी अपने धर्म का पालन नहीं करेंगे, कोई किसी कुल में पैदा ही क्यूँ न हुआ जो बलवान होगा वही कलयुग में सबका स्वामी होगा I सभी वर्णों के लोग कन्या बेचकर निर्वाह करेंगे|  कलयुग में जो भी किसी का वचन होगा वही शास्त्र माना जायेगा I सभी अपनी अपनी रूचि के अनुसार अनुष्ठान करके उसमे उपवास, परिश्रम, और धन का व्यय करना धर्म कहा जायेगा I कलयुग में थोड़े से धन से मनुष्यों में बड़ा घमंड होगा I स्त्रियों को अपने केशो पर ही रूपवती होने का गर्व होगा|  स्वर्ण, मणि और रत्न तथा वस्त्रो के नष्ट हो जाने पर स्त्रियाँ केशो से ही श्रंगार करेंगी | कलयुग में स्त्रियाँ धनहीन पति को त्याग देंगी उस समय धनवान पुरुष ही स्त्रियों का स्वामी होगा | जो अधिक देगा उसे ही मनुष्य अपना स्वामी मानेंगे | उस समय लोग प्रभुता के ही कारण सम्बन्ध रखेंगे I द्रव्यराशी घर बनाने में ही समाप्त हो जाएगी इससे दान पुण्य के काम नहीं होंगे और बुद्धि धन के संग्रह में ही लगी रहेगी I सारा धन उपभोग में ही समाप्त हो जायेगा उससे धर्म करम के काम नहीं होंगे I कलयुग की स्त्रियाँ अपनी इच्छा के अनुसार आचरण करेंगी हाव भाव विलास में ही उनका मन लगा रहेगा|

फिर धीरे-धीरे लोग साधू पुरुषों की सेवा,दान, सत्य एवं प्राणियों की रक्षा में तत्पर होंगेI इससे धर्म के एक चरण की स्थापना होगी I उस धर्म से लोगो को कल्याण की प्राप्ति होगी I लोगों के गुणों में परिवर्तन होगा और धर्म से लाभ होने का अनुमान होने लगेगाI फिर श्रेष्ठ क्या है, इस बात पर विचार करने से धर्म ही श्रेष्ठ दिखाई देगा| जिस प्रकार क्रमशः धर्म की हानि हुई थी, उसी प्रकार धीरे-धीरे प्रजा धर्म की वृद्धि को प्राप्त होगी I इस प्रकार धर्म को पूर्णरूप से अपना लेने पर सब लोग सत्ययुग देखेंगे I सतयुग में सबका व्यवहार अच्छा होता हैI
धर्म,अर्थ,काम और मोक्ष के साधन, देवताओं की प्रतिक्रिया, पुण्य एवं शुभ आशीर्वाद तथा आयु – ये प्रत्येक युग में अलग-अलग होते हैं I युगों के परिवर्तन भी चिरकाल से चलते रहते हैं I उत्पति और संहत के नित्य परिवर्तनशील यह संसार कभी क्षणभर के लिए भी स्थिर नहीं रह सकता|

आने वाले समय में 20 की उम्र में ही आएगा बुढ़ापा, पुरुष होंगे कमजोर
बात चौंकाने वाली है कि एक समय ऐसा आएगा जब 16 वर्ष की उम्र में बाल सफेद हो जाएंगे और 20 वर्ष की उम्र में बुढ़ापा आ जाएगा। ब्रह्मवैवर्त पुराण में बताया गया है कि कलियुग में ऐसा समय भी आएगा जब इंसान की उम्र बहुत कम रह जाएगी, युवावस्था समाप्त हो जाएगी। इस पुराण में कलियुग में किस प्रकार का वातावरण रहेगा, इंसानों का जीवन कैसा रहेगा, स्त्री और पुरुष के बीच कैसे संबंध रहेंगे आदि बातों की भविष्यवाणी की गई है। यहां जानिए इस पुराण में कलियुग के लिए क्या-क्या भविष्यवाणी पहले से ही कर दी गई है|

इंसानों की उम्र हो जाएगी बहुत कम

कलियुग में इंसानों की उम्र बहुत कम हो जाएगी। स्त्री और पुरुष, दोनों ही रोगी और थोड़ी उम्र वाले हो जाएंगे। 16 वर्ष की आयु में ही लोगों के बाल पक जाएंगे और वे 20 वर्ष की आयु में ही वृद्ध हो जाएंगे। युवावस्था समाप्त हो जाएगी।

यह बात सच भी प्रतीत होती है, क्योंकि प्राचीन काल में इंसानों की औसत उम्र करीब 100 वर्ष रहती थी। उस काल में 100 वर्ष से अधिक जीने वाले लोग भी हुआ करते थे, लेकिन आज के समय में इंसानों की औसत आयु बहुत कम हो गई है। भविष्य में भी इंसानों की औसत उम्र में कमी आने की संभावनाएं काफी अधिक हैं, क्योंकि प्राकृतिक वातावरण लगातार बिगड़ रहा है और हमारी दिनचर्या असंतुलित हो गई है।

पुराने समय में लंबी उम्र के बाद ही बाल सफेद होते थे, लेकिन आज के समय में युवा अवस्था में ही स्त्री और पुरुष दोनों के बाल सफेद हो जाते हैं। जवानी के दिनों में बुढ़ापे के रोग होने लगते हैं।

पुरुष होंगे स्त्रियों के अधीन

भगवान नारायण ने स्वयं नारद को बताया है कि कलियुग में एक समय ऐसा आएगा जब सभी पुरुष स्त्रियों के अधीन होकर जीवन व्यतीत करेंगे। हर घर में पत्नी ही पति पर राज करेगी। पतियों को डाट-डपट सुनना पड़ेगी, पुरुषों की हालत नौकरों के समान हो जाएगी।

गंगा भी लौट जाएगी वैकुंठ धाम

कलियुग के पांच हजार साल बाद गंगा नदी सूख जाएगी और पुन: वैकुण्ठ धाम लौट जाएगी। जब कलियुग के दस हजार वर्ष हो जाएंगे तब सभी देवी-देवता पृथ्वी छोड़कर अपने धाम लौट जाएंगे। इंसान पूजन-कर्म, व्रत-उपवास और सभी धार्मिक काम करना बंद कर देंगे।

अन्न और फल नहीं मिलेंगे

एक समय ऐसा आएगा, जब जमीन से अन्न उपजना बंद हो जाएगा। पेड़ों पर फल नहीं लगेंगे। धीरे-धीरे ये सारी चीजें विलुप्त हो जाएंगी। गाय दूध देना बंद कर देगी।

समाज हिसंक हो जाएगा

कलियुग में समाज हिंसक हो जाएगा। जो लोग बलवान होंगे उनका ही राज चलेगा। मानवता नष्ट हो जाएगी। रिश्ते खत्म हो जाएंगे। एक भाई दूसरे भाई का ही शत्रु हो जाएगा।

लोग देखने-सुनने और पढऩे लगेंगे अनैतिक चीजें

कलियुग में लोग शास्त्रों से विमुख हो जाएंगे। अनैतिक साहित्य ही लोगों की पसंद हो जाएगा। बुरी बातें और बुरे शब्दों का ही व्यवहार किया जाएगा।
स्त्री और पुरुष, दोनों हो जाएंगे अधर्मी

कलियुग में ऐसा समय आएगा जब स्त्री और पुरुष, दोनों ही अधर्मी हो जाएंगी। स्त्रियां पतिव्रत धर्म का पालन करना बंद कर देगी और पुरुष भी ऐसा ही करेंगे। स्त्री और पुरुषों से संबंधित सभी वैदिक नियम विलुप्त हो जाएंगे।

चोर और अपराधियों की संख्या बहुत अधिक हो जाएगी

इस काल में चोर और अपराधियों की संख्या इतनी अधिक बढ़ जाएगी कि आम इंसान ठीक से जीवन जी नहीं पाएगा। लोग एक-दूसरे के प्रति हिंसक हो जाएंगे और सभी के मन में पाप प्रवेश कर जाएगाI

कल्कि अवतार करेगा अधर्मियों का विनाश

कलियुग के अंतिम काल में भगवान विष्णु का कल्कि अवतार होगा। यह अवतार विष्णुयशा नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेगा। भगवान कल्कि बहुत ऊंचे घोड़े पर चढ़कर अपनी विशाल तलवार से सभी अधर्मियों का नाश करेंगे। भगवान कल्कि केवल तीन दिनों में पृथ्वी से समस्त अधर्मियों का नाश कर देंगे।

ऐसे आएगा प्रलय

कलियुग में अंतिम समय में बहुत मोटी धारा से लगातार वर्षा होगी, जिससे चारों ओर पानी ही पानी हो जाएगा। समस्त पृथ्वी पर जल हो जाएगा और प्राणियों का अंत हो जाएगा। इसके बाद एक साथ बारह सूर्य उदय होंगे और उनके तेज से पृथ्वी सूख जाएगी ।

नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल)
[ डि‍सक्‍लेमर: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है. The Hindu Media वेबसाइट या पेज अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

kavya krishna

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