कम बोलने वाले लोगों की यह खासियत जानकर आप हैरान रह जाओगे

ज्यादातर ऐसा माना जाता है कि जो सफल लोग होते हैं वे बहुत प्रभावी ढंग से बातचीत करते हैं और बहुत ज्यादा बातचीत करने वाले होते हैं वे अपनी बातों से लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सक्षम होते हैं और यही कारण उन्हें काफी हद तक सफल बनाता है लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि संसार में सबसे ज्यादा अमीर लोगों में से शीर्षस्थ अमीर लोग चुप रहना ज्यादा पसंद करते हैं जैसे कि कुछ अमीर लोग जैसे बिल गेट्स एलोन मस्क यह लोग बहुत कम बोलते हैं और इनकी यही वह आदत है जो इन्हें अन्य लोगों से अलग बनाती है तो आज की पोस्ट में मैं आपको बताऊंगा कि कम बोलने वालों लोगों में वह क्या खाक आरती होती हैं जो ज्यादा बोलने वाले लोगों में नहीं होती हैं और उनको कम बोलने के क्या फायदे होते हैं तो चलिए शुरू करते हैं ।
कम बोलने वाले लोग अच्छे observer होते है ज्यादातर अगर कोई इंसान ज्यादा बात नहीं करता है या कम बोलता है तो उसका मतलब यह नहीं होता है कि उसे बोलना नहीं आता या उसे बात करने की तमीज नहीं है उसके कम बोलने के पीछे कारण यह होता है कि वह माहौल को अच्छी तरह से समझ रहा होता है और चीजों को और जब कर रहा होता है जैसे कि वह समय आने पर उस ज्ञान को काम मिला सके और फायदा उठा सके क्योंकि वह जानता है कि बिना किसी मतलब के बोलने में कोई फायदा नहीं है उससे केवल हमारी ऊर्जा ही नष्ट होगी और जब आप बोलते हैं तो उस समय आप आसपास के वातावरण को या लोगों की आदतों को ऑब्जर्व नहीं कर सकते हैं उन लोगों का व्यवहार नहीं समझ सकते हैं जबकि कम बोलने वाले लोग यह काम बड़ी आसानी से कर लेते हैं।
कम बोलने वाले लोग self-aware होते हैं जो लोग कम बोलते हैं उन लोगों की है खास आदत होती है कि उन्हें अपनी ताकतों का और अपनी कमियों का अच्छी तरह से पता होता है क्योंकि वह लोग बहुत कम बोलते हैं मतलब भेज अपना ज्यादातर समय अपने खुद के साथ बिताते हैं क्योंकि अगर आप किसी दूसरे से बात करने में ज्यादा महत्व नहीं लेते हैं तो आपके पास समय ही समय होता है और उस समय में अपने आप पर ध्यान देते हैं और अपनी कमियों और अच्छाइयों को देखते हैं और उन पर काम करते हैं उसका मतलब है कि वह अपने आपको एक प्रभावशाली इंसान बनाने की भरपूर कोशिश करते हैं और उसमें काफी हद तक सफल होते हैं।
यह लोग ज्यादा क्रिएटिव और ओरिजिनल होते हैं शांत रहने वाले या फिर कम बोलने वाले लोग ज्यादा बोलने वाले लोगों की अपेक्षा ज्यादा क्रिएटिव होते हैं क्योंकि आप क्रिएटिव तभी हो सकते हैं जब आपका दिमाग ठीक पहले काम करना चालू करता है अगर किसी इंसान का दिमाग काम ही नहीं करता है केवल उसका मुंह ही काम करता है वह हमेशा इधर-उधर की बातें करता रहता है तो वह कभी दिमाग से काम नहीं ले पाएगा और वो हमेशा बिना दिमाग से सोचे समझे कुछ भी बोलता रहेगा और कभी-कभी वह ज्यादा बोलने के चक्कर में काफी दिखावा करने लगता है लेकिन शांत रहने वाले लोगों के पक्ष में ऐसा नहीं होता है यह लोग कुछ भी बोलते हैं एक-एक शब्द सोचने समझने के बाद बोलतेे हैं बातें करता रहता है।
साइलेंट लोगों में सेल्फ कंट्रोल ज्यादा होता है चुप रहने वाले लोगों का ज्यादा रहने वाले लोगों की अपेक्षा अपने निर्णयों पर ज्यादा अधिकार होता है।चुप रहने वाले लोग ज्यादा सेल्फ कंट्रोल होते हैं क्योंकि यह बात तो आप सभी लोग भलीभांति जानते होंगे कि हमें सबसे ज्यादा ताकत किसी काम में लगती है तो वह है अपने आप को चुप कराने में अगर इंसान कोई भी खुद को चुप करा सकता है या फिर वह सोच समझकर बोल सकता है तो वह दुनिया में कुछ भी कर सकता है इसलिए साइलेंट लोगों की यह खूबी होती है कि मैं बहुत सोच समझकर बोलते हैं तो सीधी बात है कि उनमें अन्य लोगों की अपेक्षा कंट्रोल ज्यादा आ जाता है।
यह लोग आत्मनिर्भर होते हैं शांत रहने वाले लोग आत्मनिर्भर होते हैं इन्हें दुनिया से कोई भी उम्मीदें नहीं होती है इन्हें खुद से उम्मीद होती है जब यह लोग परेशान होते हैं तो खुद ही अपने आप को मोटिवेट करते हैं और दुख के समय में खुद के काम आते हैं यह जानते हैं कि दुनिया से उम्मीदें करना बेकार है और वे लोग आपकी उम्मीदों पर खरी खरी नहीं उतर सकते हैं इसलिए यह लोग बहुत ज्यादा आत्मनिर्भर होते हैं जो बेवजह लोगों को परेशान नहीं करते हैं और ना ही लोगों से परेशान होते हैं।
अपनी बातों को सीधा और मीनिंगफुल शब्दों में कहते हैं ज्यादातर लोगों की है आदत होती है कि वे अपनी बात को बहुत ज्यादा घुमा फिरा कर नमक मिर्च मसाला लगाकर कहते हैं और जो मुद्दे की बात होती है उसको काफी समय तक नहीं कहते हैं जबकि शांत रहने वालों की और कम बोलने वाले लोगों की है आदत होती है कि वह पहले तो कुछ बोलते नहीं है सारे मामले को समझते रहते हैं और जब मामले को अच्छी तरह समझने के बाद जब कोई बात बोलते हैं तो बहुत सरल ढंग से और सीधे शब्दों में बात को कह देते हैं जिसकी वजह से लोग इनकी बात को बहुत ध्यान से समझते हैं इनकी बात का एक अपना अलग ही प्रभाव होता है यह बात को साफ साफ और सीधे शब्दों में कह देते हैं यह इनकी खासियत होती है।
यह लोग अच्छे श्रोता भी होते हैं जैसा कि कहा जाता है भगवान ने हम लोगों को दो कान दिए हैं और यह जिद्दी है जिसके पीछे का कारण यह होता है कि हम लोग सुने ज्यादा और बोले कम लेकिन ज्यादातर नब्बे परसेंट इंसान उल्टा ही करता है वह सुनता तो ना के बराबर है लेकिन बोलता बहुत ज्यादा है जबकि शांत रहने वाले लोगों की एक खासियत होती है बे लोगों को बहुत सुनते हैं इसका मतलब यह नहीं है कि वह उनकी सारी बातों पर अमल करते हैं लेकिन वह लोगों को सुनते ज्यादा है और बोलते कम है जब भी लोगों को अच्छी तरह सुन लेते हैं क्योंकि कहा जाता है हर इंसान अपनी जीभ के पीछे छुपा होता है तो जब भी लोगों को अच्छी तरह सुन लेते हैं तो वह उसके व्यवहार को उनकी आदतों को अच्छी तरह समझ जाते हैं और अपने आने वाले भविष्य संकट में से बच सकते हैं या फिर भविष्य में इंफॉर्मेशन के तौर पर उन सब बातों का प्रयोग करते हैं।
यह लोग बहुत ध्यान से काम करते हैं शांत रहने वाले लोग अपने काम पर अपेक्षाकृत उन लोगों की जो ज्यादा बोलते हैं अच्छी तरह से ध्यान दे लेते हैं क्योंकि इनके दिमाग में कुछ ज्यादा खास चल नहीं रहा होता है इनके दिमाग में केवल वही चल रहा होता है जिसकी ने वास्तव में जरूरत होती है जबकि अगर आप जितना ज्यादा बोलेंगे आपके दिमाग में उतना ज्यादा कचरा भरा रहेगा और उतना कम सोच पाएंगे इसीलिए शांत रहने वाले लोगों का दिमाग काफी हद तक साफ होता है और इन्हें अपने जो भी चीज चाहिए होती है वह जाती है और यह एक चीज पर घंटों बैठे बैठे काम कर सकते हैं इसीलिए शांत रहने वाले लोग काफी समय तक देख सकते हैं या फिर कोई भी किताब पढ़ सकती है या फिर किसी भी रिसर्च में अपना समय दे सकते हैं|
यह लोग गहरे रिलेशनशिप बनाते हैं जो लोग शांत रहते हैं उनके अंदर यह क्षमता तो आ ही जाती है कि वह इंसान को बड़ी आसानी से पहचान जाते हैं किस इंसान के अंदर क्या क्वालिटी है और भी अपनी इस क्षमता का भरपूर फायदा उठाते हैं वह हमेशा ऐसे इंसान से रिश्ता बनाते हैं जो उनकी तरह ही शांत रहने वाला और वास्तव में रिश्तो की गहराइयों को समझने वाला होता है जिसकी वजह से उन्हें भविष्य में फायदे भी होते हैं और वह उस इंसान को भी फायदा पहुंचाते हैं और इनके रिलेशनशिप काफी गहरे समय तक चलते भी हैं।
नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल)
[ डिसक्लेमर: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है. The Hindu Media वेबसाइट या पेज अपनी तरफ से इसकी पुष्टि नहीं करता है. ]