खाने में बाल का अक्सर आना इस बात का संकेत, पितृ पक्ष में करें उपाय

खाने में बाल का अक्सर आना इस बात का संकेत, पितृ पक्ष में करें उपाय

इन लक्षणोंं की भूल से भी न करें अनदेखी

पितर पक्ष यानी पूर्वजों की उपासना का एक पखवाड़े तक चलने वाला पर्व 2 सितंबर से आरंभ हो चुका है। विभिन्‍न तिथियों पर लोग अपने पितरों का श्राद्ध करते हैं और पिंडदान करते हैं। शास्‍त्रों में ऐसा बताया गया है कि हिंदू धर्म को मानने वाले हर घर में पितरों का श्राद्ध करना और उनके निमित्‍त तर्पण करना अनिवार्य बताया गया है। जिन घरों में ये बातें नहीं मानी जाती हैं, उन घरों में अशांति होती है, लोगों को कष्‍ट होता है और पितर दोष लगता है। मान्‍यता है कि पितर दोष होने पर कुछ विशेष प्रकार के लक्षण घरों में दिखते हैं। आइए जानते हैं क्‍या हैं ये लक्षण…

खाने में से बाल निकलना


अक्सर खाना खाते समय यदि आपके भोजन में से बाल निकलता है तो इसे नजरअंदाज ना करें। बहुत बार परिवार के किसी एक ही सदस्य के साथ ऐसा होता है कि उसके खाने में बार-बार बाल निकलता है। यह बाल कहां से आया इसका कुछ पता नहीं चलता। यहां तक कि वह व्यक्ति यदि रेस्टोरेंट आदि में भी जाए तो वहां पर भी उसके ही खाने में बाल निकलता है। कई बार लोग उसका मजाक बनाने लगते हैं। यह सही नहीं है। अगर आपके साथ भी ऐसा हो तो किसी अच्‍छे ज्‍योतिषी को अपनी कुंडली दिखवाएं।

पूर्वजों का बार-बार स्वप्न में आना


अक्‍सर कुछ लोगों के स्‍वप्‍न में ऐसा होता है कि उन्‍हें अपने मृत परिजन दिखाई देते हैं। ऐसा होना महज एक संयोग नहीं कहा जा सकता है। मान्‍यताएं कहती हैं पूर्वजों का बार-बार स्‍वप्‍न में आना उनकी कोई इच्‍छा अपूर्ण रहने का संकेत देता है। अगर आपके साथ भी ऐसा हो तो आपको अपने मृत परिजनों की पसंदीदा वस्‍तुएं जरूरतमंदों को दान करनी चाहिए।

शुभ कार्य में बाधा आना


अक्‍सर ऐसा होता है कि आप कोई शुभ कार्य करने जा रहे हैं तो उसमें बार-बार बाधा आ जाए। या उस वक्‍त कोई ऐसी घटना हो जाए कि आपका काम बीच में ही लटक जाए तो यह भी पूर्वजों के रुष्‍ट होने का संकेत देता है। कई बार होली दीवाली जैसे बड़े उत्‍सव में कुछ अशुभ घटनाएं हो जाती हैं, जो आपके पितरों की नाराजगी को दर्शाती हैं। अगर ऐसा आपके साथ हो तो आपको ब्राह्मण को घर बुलाकर सम्‍मान के साथ भोजन करवाना चाहिए और दान दक्षिणा देनी चाहिए।

विवाह में देरी होना ​


घर के किसी विवाह योग्‍य सदस्‍य के विवाह में देरी होना या फिर हर बार रिश्‍ता टूट जाना भी पितरों की असंतुष्टि को दर्शाता है। कई बात पितरों के रुष्‍ट से होने से तलाक तक हो जाते हैं। इसलिए हर घर में पितरों का पूजन करना अनिवार्य माना गया है।

संतान न होना


अगर किसी वजह से आपके पूर्वज आपसे नाराज हैं या फिर जीतेजी उनके साथ अच्‍छा व्‍यवहार न किया गया हो तो ऐसे घरों में पितर दोष लगता है और कई बार इस दोष का संतानहीनता तक हो सकता है। इसलिए माता-पिता की सदैव सेवा करें और पूर्वजों के निमित्‍त दान-पुण्‍य अवश्‍य करें।

नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल)

[ डि‍सक्‍लेमर: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है. The Hindu Media वेबसाइट या पेज अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

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