महिलाओं का श्मशान घाट में जाना क्यों है वर्जित, जानिए 7 कारण

महिलाओं का श्मशान घाट में जाना क्यों है वर्जित, जानिए 7 कारण

हिंदू धर्म में 16 संस्कार होते हैं। जिसमें व्यक्ति की मृत्यु के होने के बाद अंतिम संस्कार यानि 16वें संस्कार की क्रियाएं जाती हैं। हिन्दुओं में मृत्यु के पश्चात अंतिम यात्रा निकाली जाती है। इसके बाद दाह संस्कार किया जाता है। मृत व्यक्ति की शव यात्रा और अंतिम संस्कार में परिवार के सभी पुरुष शामिल होते हैं। हिन्दू रिवाज के तहत औरतों को यहाँ जाना सख्त मना होता है। बहुत कम लोग ही जानते है कि औरतों को अंतिम संस्कार में क्यों शामिल नहीं किया जाता है। आइए जानते इसके बारे में,

– माना जता हैं कि बुरी प्रेत आत्माएं सबसे पहले औरतों को ही अपना निशाना बनाती हैं। खासकर भूत उन औरतों को अपना निशाना बनाते हैं जो वर्जिन होती हैं। इसलिए उन्हें शमशान घाट नहीं ले जाया जाता।

– हिन्दू रिवाज के हिसाब से जो अंतिम संस्कार करने जाता है, उसे गंजा होना पड़ता है। गंजापन औरतों या लड़कियों को नहीं सुहाता, इसलिए एक यह भी वजह है कि औरतों को अंतिम संस्कार में नहीं ले जाया जा सकता।

– ऐसा कहा जाता है कि शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने के बाद पूरे घर की सफाई की जाती है, जिससे कोई भी नकारात्मक शक्ति घर में न रह सके। इसलिए घर की साफ़-सफाई और अन्य घरेलू कामों के लिए औरतों को घर में रोका जाता है। अंतिम संस्कार के बाद पुरषों का घर में प्रवेश स्नान के बाद ही होता हैं|

– कहते हैं लड़कियां और औरतें दिल से कमज़ोर होती हैं और किसी अपने के मरने के बाद खुद का रोना रोक नहीं पातीं। ऐसे में शमशान घाट में औरत का रोने से मरे हुए व्यक्ति कि आत्मा को शांति नहीं मिलती।

– ऐसा कहा जाता है कि हमारे अपने को मरने के बाद शांति मिले इसलिए औरतों को अंतिम संस्कार में शामिल नहीं किया जाता हैा बहरहाल हर धर्म की अपनी संस्कृति और मान्यता है। आप जिस भी धर्म को अपनाते हैं उसके रीति रिवाज को हमेशा ध्यान में रखें।

नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल)

[ डि‍सक्‍लेमर: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है. The Hindu Media वेबसाइट या पेज अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

kavya krishna

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