पति-पत्नी के एक साथ भोजन करने से होती है धन की हानि

पति-पत्नी के एक साथ भोजन करने से होती है धन की हानि

भोजन करने से व्यक्ति को ऊर्जा प्राप्त होती है और उसी ऊर्जा के बल पर ही व्यक्ति जीवन में आगे बढ़ता है। जीवन में भोजन ही सबकुछ है। इसलिए हमारी हिन्दू सनातन मान्यताओं के भोजन करना, पूजा करना एक तरह से आवश्यक माना गया है। हिन्दू सनातन संस्कृति में परिवार में भोजन करने से पर्व भगवान की प्रार्थना भी की जाती है। और भगवान को भोग भी लगाया जाता है। और भोजन ग्रहण करते समय भगवान का धन्यवाद भी किया जाता है। कि भगवान आपने हमें आज भी भोजन दिया है। भोजन से जुड़ी भावनाओं के साथ हिन्दू परिवारों में उसकी शुद्धता एवं सात्विकता का भी पूण पालन किया जाता है। लेकिन उसके बाद भोजन करते समय भी शास्त्रों में कुछ बातें बताई गई हैं जिनका पालन करना प्रत्येक व्यक्ति को बहुत आवश्यक होता है।

 

अगर आप शास्त्रों में वर्णित नियमों का पालन नहीं करते हैं तो आपके जीवन में बहुत परेशानी आ सकती हैं। और आपको पता भी नहीं चलेगा कि किस कारण से आपके घर पर समस्याएं आ रही हैं। क्योंकि आप सोचेंगे कि मैं गलत कभी किसी से बोलता नहीं और किसी भी व्यक्ति के साथ कुछ गलत करने की सोचता भी नहीं हूं। मैं कभी झूठ भी नहीं बोलता हूं, सत्यव्रत का पालन करता हूं। फिर भी मेरे साथ समस्याएं आ रही हैं। तो अगर आप अपने जीवन में छोटी-छोटी बातों पर ध्यान रखेंगे। तो आप समझ सकेंगे कि आपके जीवन में परेशानियां क्यों आ रही हैं। क्योंकि भोजन करते समय क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए, कैसे खाना चाहिए और कैसे नहीं खाना चाहिए। प्रत्येक विषय पर हिन्दू सनातन धर्म में विस्तार से बताया गया है।

हिन्दू सनातन धर्म के अनुसार भोजन करते समय आपको टीवी नहीं देखना चाहिए। किसी प्रकार का संगीत नहीं सुनना चाहिए। और आपको भोजन करते समय बातचीत भी नहीं करनी चाहिए। और भोजन करते समय बोलना भी नहीं चाहिए। यदि आप नियम से भोजन करते हैं तो निश्चित रूप से आपके जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आएगी। शास्त्रों के अनुसार किसी भी व्यक्ति का झूठा खाना भी बहुत बड़ा निषेध माना गया है। आप भले ही भूखें रह जाए परन्तु आपको किसी भी व्यक्ति का झूठा नहीं खाना चाहिए। चाहे कोई भी व्यक्ति हो लेकिन हम लोग सोच लेते हैं कि झूठा खाने से प्यार बढ़ता है लेकिन ये बातें लोगों को गुमराह करने वाली है। और शास्त्रों के अनुकूल नहीं है। आजकल पति-पत्नी भी एक साथ, एक थाली में भोजन करते हैं और ऐसा मान लेते हैं कि इससे दोनों के बीच प्यार बढ़ता है। लेकिन ऐसा शास्त्रों के अनुसार अच्छा नहीं माना जाता है।

 

शास्त्रों के अनुसार पति-पत्नी को कभी भी एक साथ और एक ही थाली में भोजन नहीं करना चाहिए। पति-पत्नी को एक साथ, एक थाली में भोजन करने से घर में दरिद्रता का वास हो जाता है। इसलिए हमेशा शास्त्रों के अनुसार ही भोजन करना चाहिए। क्योंकि अगर आप शास्त्रों के नियम के अनुसार अपना जीवन जीते हैं तो निश्चित ही आपको जीवन में समस्याए नहीं सताएंगी। और आपका जीवन चिंता मुक्त होगा। और आरामदायक हो जाएगा।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पति-पत्नी को एक साथ और एक थाली में भोजन करने से प्यार नहीं बढ़ता है। यह केवल मात्र एक तांत्रिक प्रक्रिया है। शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति की कुंण्डली में दूसरा भाव अपनी वाणी का होता है। सुख का होता है, कलह का होता है, धन की बचत का होता है और जीवन में मिलने वाले सुखों को संबोधित करने का होता है। अगर दूसरे भाव में व्यक्ति की वाणी और भाषा पर नकारात्मक प्रभाव होता है तो आपकी भाषा में कड़वाहट का भाव आता है और बहुत सारे दुष्प्रभाव आपके जीवन में देखने को मिलते हैं। यदि हम किसी का झूठा खाते हैं तो हमारे जीवन में कई तरह के बुरे प्रभाव भी पड़ते हैं। जैसे कि व्यक्ति के सुखों में कमी आती है।

घर-परिवार में कलह बढ़ जाती है और भोग-विलास में भी कमी आती है। इतना ही नहीं हम जिसका झूठा खाते हैं उसके अशुद्ध विचार यदि वो व्यक्ति अशुद्ध विचारों वाला है, ऊपर से आपको प्यार दिखा रहा होता है और अंदर से वो व्यक्ति काला है तो उसके अशुद्ध विचार हमारे मन में घर कर जाते हैं। क्योंकि हम उस व्यक्ति का झूठा खा रहे होते हैं। इसका सबसे बुरा असर हमारे धन क्षेत्र में होता है। किसी का झूठा खाने से हमारे धन की हानि होने लगती है। और किसी का झूठा खाने से हमारी जो धन एकत्रित करने की क्षमता होती है वह भी कम हो जाती है।

नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल)
[ डि‍सक्‍लेमर: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है. The Hindu Media वेबसाइट या पेज अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

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