पृथ्वी के नीचे क्या है | शेषनाग ने क्यूँ धारण किया था पृथ्वी को अपने फनों पर

पृथ्वी के नीचे क्या है | शेषनाग ने क्यूँ धारण किया था पृथ्वी को अपने फनों पर

धार्मिक ग्रंथों में ऐसा वर्णन मिलता है कि धरती शेषनाग के फन पर टिकी हुई है। आपने भी कई बार लोगों को यह कहते सुना होगा कि धरती शेषनाग के फन पर ही टिकी हुई है। दरअसल इस प्रसंग का वर्णन महाभारत के आदि पर्व में भी मिलता है। जिसके अनुसार एक बार शेषनाग इस पृथ्वी को अपने फन पर धारण किया था। और तब से आज तक यह पृथ्वी शेषनाग के फन पर ही टिकी है। आगे यह जानते हैं कि आखिर किस कारण शेष नाग ने पृथ्वी को अपने फन पर धारण किया। साथ ही इसके पीछे की धार्मिक मान्यता क्या है?

शेषनाग द्वारा पृथ्वी को अपने फन पर धारण करने का वर्णन महाभारत के आदि पर्व में मिलता है। महाभारत की इस कथा के अनुसार ब्रह्मा जे के 6 मानस पुत्र थे। जिनमें से एक मरीचि थे। उनका एक पुत्र था जिसका नाम प्रजापति था। ऋषि कश्यप ने दक्ष प्रजापति की 17 पुत्रियों से विवाह किया था। जिनमें से एक का नाम कद्रू था। जिसकी कोख से एक हजार शक्तिशाली नागों का जन्म हुआ। जिसमें सबसे बड़े शेष नाग थे। कथा में आगे वर्णन आता है कि महार्षि कश्यप की एक और पत्नी थी, जिसका नाम विनता था। कहते हैं कि एक बार विनता और कद्रू घूम रहे थे। तभी उन्हें एक घोड़ा दिखाई दिया। कद्रू ने कहा कि वह घोड़ा सफेद है।

 

परंतु इसकी पूंछ काली है। इस पर विनता ने कहा कि घोड़ा पूरा सफेद है। इस बात को लेकर दोनों में शर्त लगी कि जो हारा वह दूसरे की दासी बनेगी। उस घोड़े को देखने के लिए अगला दिन तय हुआ। घर आकर कद्रू ने शर्त हारने के डर से अपने सर्प पुत्रों को कहा कि वे उस घोड़े की पूछ में चिपक कर काली पूछ का आकर ले ले। विनता के प्रति कद्रू और अपने भाइयों के कपट की भावना को देखने के बाद शेषनाग ने अपने परिवार को और अपने भाइयों को छोड़ दिया। फिर हिमालय और गंधमादन के पर्वत पर तपस्या के लिए चले गए। वे सिर्फ हवा के सहारे जीवन यापन करने लगे और अपनी इंद्रियों पर काबू पाने के लिए ध्यान करने लगे। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी प्रकट हुए और शेषनाग को वरदान दिया कि उसकी बुद्धि धर्म से कभी विचलित नहीं होगी। साथ ही ब्रह्मा जी ने शेषनाग को यह भी कहा कि यह पृथ्वी पहाड़ और नदियों के कारण हमेशा हिलती रहती है तो क्या तुम इसे अपने उपर धारण कर सकते हो। कहते हैं कि ब्रह्मा जी के कहने पर शेष नाग ने पृथ्वी को अपने फन पर धारण कर लिया।

नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल)

[ डि‍सक्‍लेमर: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है. The Hindu Media वेबसाइट या पेज अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

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