पुराने समय में राजा-रानियाँ टॉयलेट कहाँ जाते थे, मिल गए वो टॉयलेट

पुराने समय में राजा-रानियाँ टॉयलेट कहाँ जाते थे, मिल गए वो टॉयलेट

पुराने जमाने में राजा और रानियों के लिए लम्बे-चौड़े राजमहल में विशेष व्यवस्था होती थी । उनके लिए जिस प्रकार मुख्य महल से अलग स्नानघर होता था वैसे ही बाड़े नुमा शौचालय भी होता था। जानकारी के मुताबिक शौच के बाद उस अपशिष्ट पर मिट्टी या राख डाल दी जाती थी। राजस्थान के किले में एक शाही टॉयलेट मिलता है। इस टॉयलेट का इस्तेमाल सिर्फ राजपरिवार किया करते थे। ये एक बहुत ही सुविधा जनक टॉयलेट था।

आज से लगभग 5000 साल पहले सिंधु घाटी सभ्यता की खुदाई में भी टॉयलेट्स मिले हैं। खुदाई के दौरान टॉयलेट्स में दोनों फ्लश टॉयलेट और नॉन फ्लश टॉयलेट मिले है। नालियों का जाल भी बिछा हुआ मिला है जो कचरे को बहार करने में काम आता था। 5000 साल पहले ये खुदाई में मिला एक ड्राई टॉयलेट है। जैसे आज कल के सम्प टॉयलेट्स होते हैं। ये दिखने में वेस्टर्न टॉयलेट जैसा ही होता था।

बता दें कि दिल्ली में सुलभ शौचालय का संग्रहालय बनाया गया है। यहां राजा महाराजाओं के समय के सिंहासन की तरह दिखने वाले टॉयलेट और हड़प्पा सभ्यता के दौरान मोहन जोदड़ो में इस्तेमाल होने वाले टॉयलेट सीट, सब तरह के प्राचीन शौचालय रखे गए हैं। इन सभी खोजों से पता चलता है कि भारत के लोग प्राचीन काल से स्वच्छता का ध्यान रखते थे।

देखे वीडियो :

आपकी जानकारी के लिए बता दे की ” @Rahasya Duniya ” नामक एक यूट्यूब अकाउंट से यह वीडियो शेयर किया गया है और इन वीडियो ने सबका मन मोह लिया हे । अब तक इस वीडियो को लाख से ज्यादा बार देखा जा चूका है। अब तक इस वीडियो को हजार से ज्यादा लोग पसंद भी कर चुके हे।

नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल)

[ डि‍सक्‍लेमर: यह न्‍यूज वेबसाइट से म‍िली जानकार‍ियों के आधार पर बनाई गई है. thehindumedia अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

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