रामचरितमानस के अनुसार कैसे और कब होगा कोरोना का अंत ?

कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से पूरी दुनिया लगभग थम सी गई है.
इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए कई देशों में अपने यहां लॉकडाउन कर दिया है. कुछ देश लॉकडाउन में धीरे-धीरे ढील दे रहे हैं लेकिन स्थिति पहले की तरह सामान्य नहीं दिखती.
जिन जगहों पर रोज़ाना भयंकर भीड़ हुआ करती थी वो अब खाली-खाली हैं. स्कूल-कॉलेज से लेकर यात्राओं पर प्रतिबंध है, लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी है. दुनिया का हर शख़्स इससे किसी ना किसी रूप में प्रभावित है.
यह एक बीमारी के ख़िलाफ़ बेजोड़ वैश्विक प्रतिक्रिया है. लेकिन सवाल ये उठ रहे हैं कि आख़िर यह सब कहां जाकर ख़त्म होगा और लोग अपनी आम ज़िंदगियों में लौट पाएंगे.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का मानना है कि ब्रिटेन अगले 12 हफ़्तों में इसके पर फ़तह पा लेगा और देश ‘कोरोना वायरस को उखाड़ फेंकेगा.’
भले ही अगले तीन महीनों में कोरोना वायरस के मामले ज़रूर कम हो भी जाएं लेकिन फिर भी हम इसे जड़ से उखाड़ फेंकने में बहुत दूर होंगे.
ये समाप्त होने में बहुत समय लगेगा, ऐसा अनुमान है कि इसमें शायद सालभर भी लगे.
हालांकि, यह भी साफ़ है कि सब कुछ बंद करने की नीति बड़े तबके के लिए लंबे समय तक संभव नहीं है. सामाजिक और आर्थिक नुक़सान तो विध्वंसकारी हैं ही.
दुनिया के कई देश अब चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन हटा रहे हैं लेकिन इसे लेकर कोई ख़ास ‘एग्ज़िट स्ट्रेटेजी’ नहीं है जनजीवन पहले की तरह सामान्य हो सके.
लेकिन यह भी सच है कि कोरोना वायरस ग़ायब नहीं होने जा रहा है. अगर आप प्रतिबंध हटाते हैं तो वायरस लौटेगा और मामले तेज़ी से बढ़ सकते हैं.
नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल)
[ डिसक्लेमर: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है. The Hindu Media वेबसाइट या पेज अपनी तरफ से इसकी पुष्टि नहीं करता है. ]