शिवलिंग ने खोली तीसरी आंख, वैज्ञानिक भी है हैरान | सच्ची घटना

शिवलिंग ने खोली तीसरी आंख, वैज्ञानिक भी है हैरान | सच्ची घटना

हिंदुओं में कई सारे देवी-देवताओं को पूजने का चलन है, लेकिन इनमें देवों के देव महादेव को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। भगवान शिव एक ऐसे देवता हैं जो कभी संहारक तो कभी पालक होते हैं। वैसे तो भोलेबाबा का स्वभाव बेहद ही शान्त है लेकिन अत्यन्त क्रोधित हो जाने पर वे अपनी तीसरी आंख खोल देते हैं। उनकी तीसरी आंख खुलने पर सृष्टि में हाहाकार मच जाता है। अब सवाल यह आता है कि क्या उन्होंने कभी खोली थी? यदि हां तो फिर कब और कहां?

आज हम आपको उस जगह के बारे में बताने जा रहे थे जहां शिव जी ने ऐसा किया था। यह जगह हिमाचल प्रदेश में है। जी हां, हिमाचल प्रदेश में मणिकर्ण नामक स्थान पर महादेव ने अपनी तीसरी आंख खोली थी। भोले शंकर की तीसरी आंख खुलने के पीछे एक कहानी है जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।

 

ऐसा कहा जाता है कि, एकबार माता पार्वती के कान का आभूषण क्रीड़ा करते समय पानी में गिर गया था। बहते-बहते कान की वह बाली पाताल लोक पहुंच गया। इस पर भगवान शिव जी ने तुरंत अपने शिष्यों को बुलाया और मणि ढूंढने का आदेश दिया। इधर शिष्यों ने उस आभूषण को ढूंढ़ने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह कहीं भी नहीं मिली।

शिव जी इस बात से बहुत क्रोधित हो गए और उन्हें इतना गुस्सा आया कि उन्होंने अपनी तीसरी आंख खोल दी। उनके इस रूप को देखकर सभी बेहद हैरान होगए। उस वक्त वहां नैना देवी प्रकट हुईं और शिवजी की सहायता करने को तैयार हो गई। तभी से उस स्थान को नैना देवी स्थान भी कहा जाने लगा। नैना देवी ने पाताल लोक में जाकर शेषनाग से मणि लौटाने के लिए कहा और तब शेषनाग ने भगवान शिव जी को वह मणि उपहार स्वरुप दे दी।

 

हिमाचल प्रदेश में जिला कुल्लू से 45 किलोमीटर की दूरी पर मणिकर्ण स्थित है। यह धार्मिक स्थल एक तरफ शिव मंदिर और दूसरी तरफ गुरु नानक के ऐतिहासिक गुरुद्वारे के लिए प्रसिद्ध है।मणिकर्ण में गर्म पानी का स्रोत है जो यहां आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र है। ऐसा माना जाता है कि अगर कोई व्यक्ति यहां पर नहाता है तो उसकी बीमारियां दूर हो जाती है।

नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल)
[ डि‍सक्‍लेमर: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है. The Hindu Media वेबसाइट या पेज अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

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